41 कोयला ब्लॉक नीलामी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कांफ्रेन्स के जरिए 18 जून 2020 को 41 कोयला ब्लॉक की नीलामी के लिए प्रक्रिया की शुरुआत की. सरकार के इस कदम से देश का कोयला क्षेत्र निजी कंपनियों के लिए खुल जाएगा. प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में खनन क्षेत्र में आत्म-निर्भरता हासिल करने के अपने दृष्टिकोण को रखा. साथ ही उन्होंने कहा कि 130 करोड़ भारतवासियों का संकल्प है कि हमें आत्मनिर्भर भारत बनाना ही है.
उद्देश्य :-
प्रधानमंत्री मोदी के मुताबिक साल 2030 तक लगभग 100 मिलियन टन कोयले को गैसीफाई करने का लक्ष्य रखा गया है. केंद्र ने पहले ही चार परियोजनाओं की पहचान कर ली है और उनमें लगभग 20,000 करोड़ रुपये का निवेश किये जायेंगे. रधानमंत्री ने कहा कि लोग रोजगार की तलाश में लगातार पलायन कर रहे हैं. कोल ब्लॉक्स के निर्माण से लोगों को रोजगार तो मिलेगा ही साथ में सुविधाएं भी मिलेंगी जिससे बड़े शहरों में पलायन का सिलसिला थमेगा. कोयला मंत्रालय ने बताया कि इन खदानों की नीलामी से प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से करीब 2.8 लाख से अधिक लोगों को रोजगार मिलने की उम्मीद है. वहीं, इससे 70,000 लोगों को सीधे तौर पर रोजगार मिलने की संभावना है. मंत्रालय ने कहा कि यह नीलामी प्रक्रिया कोल सेक्टर को वाणिज्यिक खनन के लिये खोलने की शुरुआत है. कोयला मंत्रालय के अनुसार इन कोयला ब्लाक की वाणज्यिक खनन में अगले पांच से सात साल में लगभग 33,000 करोड़ रुपये का निवेश अनुमानित है. ये ब्लाक राज्य सरकारों को सालाना 20,000 करोड़ रुपये का राजस्व देंगे. खनन क्षेत्र बिजली, इस्पात, एल्युमीनियम, स्पांजी आयर जैसे कई बुनियादी उद्योगों के लिये कच्चे माल का मुख्य स्रोत है.
गरीब कल्याण रोजगार अभियान
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